राजस्थान की सांस्कृतिक परम्पराएँ

शनिवार, 19 अगस्त 2023

कहणा सुण ले मेरा

 मन थू कैणा कर ले गुरो रा,

जो तुम केणा करो गुरो रा कट जावे,

बंधन तेरा मन रे केणा सुण ले मेरा।। टेर ।।

अवगुण तजो गुण ने पकडो मिट जाई घोर अंधेरा।

सुरत शब्द से तार मिलावो रे कटे जन्म रा फेरा ।। 1 ।।

              कहणा सुण ले मेरा ............ टेर

निन्द्रा झुठ कपट ने त्यागो नहीं आवे जमडा नेडा।

सतरी संगत चेतन रेणा वटे अमिरस वरसे गेरा ॥2।।

              कहणा सुण ले मेरा ............ टेर

उंडा उंडा नीर अतंग जल भरिया है अम्रत वेरा।

सुगरा वो भर भर पीव नुगरो रा खाली फेरा ॥3।।

              कहणा सुण ले मेरा ............ टेर

आगली पाछली कर ले खबरिया क्या तेरा क्या मेरा ।

हेमनाथ सुणो भाई संतों ज्योरा अमरलोक मे डेरा ॥4।।

              कहणा सुण ले मेरा ............ टेर


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

राम भजो विश्वास राखजो

 राम भजो विश्वास राखजो, सायब भीडू थांको राम भजो डर काहे को ।।टेर।। श्रीयादे मात सेवा में बैठा,ध्यान धरे धणीयो को चार बर्तन प्रभु कोरा राखिया...