राजस्थान की सांस्कृतिक परम्पराएँ

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रविवार, 13 अगस्त 2023

सतगुरु ने बलिहारी

 राजस्थानी गुरु महिमा भजन

दोहा - सतगुरु बिना सोझी नहीं, सोझी सब घट माय।

        रज्जब मक्की रा खेत री, चिड़ियां ने गम नाय।।

टेर - बंधन काट किया निज मुक्ता, सारी विपदा निवारी, 

       जाऊँ म्हारा सतगुरु ने बलिहारी।।

वाणी सुणत प्रेम सुख उपज्या, दुर्मति गयी हमारी।।

भरम करम रा साँचा मेटिया, दीना कपाट उघाड़ी।।1।।

              जाऊं म्हारा सतगुरु ने .............. टेर

माया ब्रह्म रा भेद समझाया, सोहम लिया विचारी।

आद पुरुष घट भीतर देखिया, दुविधा दूर विदारी।।2।।

              जाऊं म्हारा सतगुरु ने .............. टेर

दया करी म्हारा सतगुरु दाता, अबके लिया उबारी।

भव सागर सूं डूबत तारयो, एड़ा पर उपकारी।।3।।

              जाऊं म्हारा सतगुरु ने .............. टेर

गुरु दादू रे चरण कमल पर, मेलू शीश उतारी।

और भेंट क्या कर राखूं, सुन्दर भेंट तुम्हारी।।4।।

              जाऊं म्हारा सतगुरु ने .............. टेर


शनिवार, 12 अगस्त 2023

गुरु मिलिया ब्रह्मज्ञानी

 गुरु महिमा भजन

गणपति सुरसति शारद सिंवरु, दीजो अनुभव वाणी। 

परसत परसत पीर परासिया, परसी पीरों री सेलाणी।। 1 ।।

      आज म्हाने गुरु मिलिया ब्रह्मज्ञानी।

ज्ञान सुनाय कियो हरि नेडो, बात आगम री जाणी।।

आज म्हाने गुरु मिलिया ब्रह्म ज्ञानी ।। टेर ।।

दिल में दरसिया प्रेम सूं परासिया, सतगुरु री सैलानी।

अगम निगम रा भेद बताया, आद जुगत ओलखाणी।। 2।।

      आज म्हाने गुरु मिलिया ..........

अल्ला खुदा अलख निरंजन, निराकार निर्वाणी।

हरदम हेर घेर घर लावो, मिल गयी सात सेलाणी।। 3।।

         आज म्हाने ..............

गुरु अवधूता पूरा मिलिया, गुरु मिलिया गम जाणी। 

कहे हेमनाथ, सतगुरुजी रे चरणे, नेचे सूरत समाणी।।4।।

        आज म्हाने..........   

राम भजो विश्वास राखजो

 राम भजो विश्वास राखजो, सायब भीडू थांको राम भजो डर काहे को ।।टेर।। श्रीयादे मात सेवा में बैठा,ध्यान धरे धणीयो को चार बर्तन प्रभु कोरा राखिया...