गुरु महिमा भजन
गणपति सुरसति शारद सिंवरु, दीजो अनुभव वाणी।
परसत परसत पीर परासिया, परसी पीरों री सेलाणी।। 1 ।।
आज म्हाने गुरु मिलिया ब्रह्मज्ञानी।
ज्ञान सुनाय कियो हरि नेडो, बात आगम री जाणी।।
आज म्हाने गुरु मिलिया ब्रह्म ज्ञानी ।। टेर ।।
दिल में दरसिया प्रेम सूं परासिया, सतगुरु री सैलानी।
अगम निगम रा भेद बताया, आद जुगत ओलखाणी।। 2।।
आज म्हाने गुरु मिलिया ..........
अल्ला खुदा अलख निरंजन, निराकार निर्वाणी।
हरदम हेर घेर घर लावो, मिल गयी सात सेलाणी।। 3।।
आज म्हाने ..............
गुरु अवधूता पूरा मिलिया, गुरु मिलिया गम जाणी।
कहे हेमनाथ, सतगुरुजी रे चरणे, नेचे सूरत समाणी।।4।।
आज म्हाने..........