राजस्थानी और मारवाड़ी होली फागण गीत
होली रे परभात म्हारो भंवर विलको पड़गो रे
जीवता जीवो रे होली आई रेवे रे, मत कर पछतावो
जीवो रे मत कर पछतावो, हाथों सू बलाय बैठो रे
मति कर पिछतावो
ढाल ने तलवार म्हारी रेकलिया मेें रै गी रे
भरियोडी बन्दूक म्हारी खूंटी रैगी रे, झगड़ो हालरियो
हारे झगड़ो हालरियो, झगड़े री वैरण लारे रेगी रे
झगड़ो हालरियो
मीठो बोले मोरियो, रिजके री क्यारी खाई रे
मैलों में बैठोड़ो भंवर गोली वायी रे, मोर मारियो
हारे मोर मारियो, ढेलड़ियों रोंड़ापो लीनो रे
मोर मारोणो
ढलके हाले ढेलड़ी, उनालू लाटा लाटे रे
गांव रो पटवारी म्हाने खारो लागे रे उणने काड दो
हारे उणने काड़ दो, पोकण रो बोमणियो लावो रे
उणने काड दो
राम नाम भजिया ज्याने, मोती महल मिलिया रे
भाखरों में तपिया रे, गादी जोधोणे
बेलो रे गादी जोधोणे, परमेषर व्हाने लिख ने दीनी रे
गादी जोधोणे
नैनी नैनी मैन्दी म्हारी नैनी नणदल दीनी रे
मोटोड़ा पछेटा म्हारी सौंक दीना रे,, बलते कालजिये
हारे बलते कालजिये, हाथा री मेहन्दी काळी पड़गी रे