राजस्थान की सांस्कृतिक परम्पराएँ

शनिवार, 19 अगस्त 2023

राम भजो विश्वास राखजो

 राम भजो विश्वास राखजो, सायब भीडू थांको

राम भजो डर काहे को ।।टेर।।

श्रीयादे मात सेवा में बैठा,ध्यान धरे धणीयो को

चार बर्तन प्रभु कोरा राखिया, आखो निवाडो पाको ॥1।।

          राम भजो डर काहे को...........टेर

कैरव पांडवो रे भारत रसीओ, आयो मरण रो हाको ।

पांडवो रे बेले रामजी पदारिया,बाल ना कीनो वाको ॥2।।

          राम भजो डर काहे को...........टेर

रामजी रो नाम लेवा नी देव, ओई हिरणाकुश वंको ।

खम्ब फाड़ नरसिंह रूप धरियो,पसे फ़ाडीओ बाको ।।3।।

          राम भजो डर काहे को...........टेर

रण भारत में टीटोडी रा बसिया धूजै कालजो मॉँ को ।

वीर घंट बसिया पर पड़ियो, हमे बाण भले फेंको॥4।।

          राम भजो डर काहे को...........टेर

चोरी करेन सीताजी ने लेगा रावण कीनो थोको।

बीस भुजा रावण री तोड़ी ,पतो नि लगो वको ॥5।।

          राम भजो डर काहे को...........टेर

जीयाराम गुरु पुरा मिलिया पथ बतायो मोने वाको।

कहे बन्नानाथ सुणणो भाई संतों जोर नी लागे थाको ॥6।।

          राम भजो डर काहे को...........टेर

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