सरियादे मात सेवा में बैठा विलखी फिरे मंजारी,
के तो बसिया परा उबारो, काया होम दूं मारी,
रोम रो राख भरोसो भारी ।।1।।
टेर:-भलो वे ला भगवत ने भजियो भलो वेला साहेब ने
सिमरिया ,सोइ भजो नर नारी राम रो राख भरोसो.....
ध्रुव पेहलाद जुगत कर झाली, झाली सेवना तुमारी,
भगतो रे काज भूप ने दलिया नरसिंग रूप थे धारि।।2।।
राम रो राख भरोसो भारी
भलो वे ला भगवत ने भजियो भलो वेला साहेब ने सिमरिया ,सोइ भजो नर नारी राम रो राख भरोसो.....
चढ़िया राम लूटन गढ़ लंका पल में लंका जारी,
रावण मार विभीषण थापियो, प्रीत आगली पाली।।3।।
राम रो राख भरोसो भारी
भलो वे ला भगवत ने भजियो भलो वेला साहेब ने सिमरिया ,सोइ भजो नर नारी राम रो राख भरोसो.....
गज अरु ग्राह लड़े जल भीतर लड़त लड़त गज हारी,
तल भर सूंड रही जल बाहर रामो राम पुकारी
राम रो राख भरोसो भारी
भलो वे ला भगवत ने भजियो भलो वेला साहेब ने सिमरिया ,सोइ भजो नर नारी राम रो राख भरोसो.....
सुनी पुकार वार सढिया गज री , गरुड़ तणी असवारी
सकर चलाय हरी फंद कटिया, डूबत गज ने तारी
राम रो राख भरोसो भारी
भलो वे ला भगवत ने भजियो भलो वेला साहेब ने सिमरिया ,सोइ भजो नर नारी राम रो राख भरोसो.....
इंदर कोप कियो बृज ऊपर बरसिया मूसल धारी,
गोप ग्वालियो ने तार लिया,केवाया आप गिरधारी
राम रो राख भरोसो भारी
भलो वे ला भगवत ने भजियो भलो वेला साहेब ने सिमरिया ,सोइ भजो नर नारी राम रो राख भरोसो.....
इतरो देख विस्वास झालीयो झेली सेवना तुमारी
गुरु खिवजी माली लिख्मोजी बोले,भव संगरिया में तारी
राम रो राख भरोसो भारी
भलो वे ला भगवत ने भजियो भलो वेला साहेब ने सिमरिया ,सोइ भजो नर नारी राम रो राख भरोसो.....
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