रमता रावल आया शहर मे
शहर में रमता रावल आया,जुना जोगी आया। टेर।
पाँचों रा भूप पच्चीसो न्याति एक जरणी रा जाया।
गुण अवगुण से न्यारा खेले अपना रूप छिपाया॥1।।
शहर में रमता रावल आया........ टेर
कुण घर सोवो कुण घर जागो कुण में रे वो समाया।
किये पुरूष रा ध्यान धरो,किणे थाने शब्द सुणाया ॥2।।
शहर में रमता रावल आया........ टेर
सहि घर सोवो भौण घर जागो सुन में रेवो समाया।
अलख पुरुष रा ध्यान धरा सतगुरु शब्द सुणाया ।।3।।
शहर में रमता रावल आया........ टेर
जागा वो नर प्रेम पद पाया सुतोड़ा ने जम ले जाया।
कहत कबीर सुणो भाई संतों अगम संदेशों लाया ॥4।।
शहर में रमता रावल आया........ टेर
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