राजस्थान की सांस्कृतिक परम्पराएँ

रविवार, 8 मार्च 2020

Joganiya and Kalbeliya girls fagan song


जोगणियों के सुपरहिट फागण गीत

साथणियों मैं लूर लेती, परणिये पारख पाड़ी रे, 
आधे माथे ओरणो असमानी साड़ी रे, पारख पाड़ी रे
  हारे पारख पाड़ी रे, 
   हाथ में रूमाल लेने रे पारख पाड़ी रे

अळी गळी में डरियो वै तो मादळियो मथराउ रे, 
ढोलिये चमकियो वै तो वेद बुलाउ रे जूनी पाली रो
  हारे जूनी पाली रो, 
मादलियो मतराय राखूं रे, जूनी पाली रो

ढोलियो ढळियोडो पड़ियो नीन्द किणने आवे रे, 
सिरातिये लाडूड़ा पडिया किणने भावे रे, राते आयो नी
 हारे राते आयो नी, 
किणारो वळमायो रै गो रे, राते आयो नी

सीरा रो भरियोड़ो थाल परणी ले ने आवे रे, 
चूरमिया रो वाटकियो हैतालु लावे रे, सीरो भावे नी,
     हारे सीरो भावे नी, 
परणी रो थाल पाछो जावे रे,, सीरो भावे नी

म्हारो भंवर भणियोडो अंधारे कागद वासे रे, 
गोरी गोरी छोरियों रा नोमा वासे रे, भंवर भणियोड़ो
हारे भंवर भणियोड़ो, 
भंवरजी थाने कणै भणाया रे, भंवर भणियोड़ो

नैनी नणदल पूछे भावस मेला में कुण मळियो रे, 
आडकी बाजार में नणदोई मळियो रे सुटियो हाथ में
   हारे सुटियो हाथ में, 
मेला री मिठाई खाक में, सुटियो हाथ में

मेला सू भंवरजी आया, पाणी कोनी माटा में, 
थोड़को ढब जाईजे म्हारो हाथ आटा में, पाणी माटा में,
 हारे पाणी माटा में, 
म्हारा टाबरिया रोटी ने रोवे रे पाणाी माटा में

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