राजस्थान की सांस्कृतिक परम्पराएँ

गुरुवार, 23 जनवरी 2020

Rajasthani Sorath Bhajan Lyrics

            सोरठ भजन



सरव सुख तुम भजिये गोपालए

भजियां जावो नन्दलालए सरव सुखए तुम भजिये गोपाल



बाल पणा में कृष्ण सुदामाए पढता एक पोशाल ।

कंचन महल चुणाय दिया रेए हीरा जड़िया दीन दयाल ।।

                       सरव सुख तुम भजिये.....................



इन्द्र कोप कियो ब्रज उपरए बरस्यो मूसलाधार ।

गोपी ग्वालियों ने तार लियो रेए नख पर गिरवर धार ।।

                        सरव सुख तुम भजिये.....................



पत राखी पैलाद रीए ध्रुवजी रो अविचल राज ।

जल डूबतो गजराज उबारियोए सरवर बांधी पाल ।।

                         सरव सुख तुम भजिये.....................



वृन्दावन री कुंज गली मेंए रास रसायो नन्दलाल ।

सब सखियो रे बीच मेंए नाच रह्यो नन्दलाल ।।

        सरव सुख तुम भजिये.....................



आज बृज में आणन्द घणेरोए घर . घर मंगलाचार ।

मीरां दासी चरण श्याम रीए हरि जी लियो अवतार ।।

    सरव सुख तुम भजिये.....................





इस भजन को सुनने के लिए नीचे दिए गये लिंक पर क्लिक करें ...

https://www.youtube.com/watch?v=ujeMUBy7FGQ

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