राजस्थान की सांस्कृतिक परम्पराएँ

रविवार, 23 फ़रवरी 2020

Kalbeliya Ladies Fagan song, Fagan song in hindi Lyrics | लोकप्रिय फागण गीत लिरिक्स


कालबेलिया फागण गीत

मैतो म्हारे पीवर जावूं, आटो पड़ियो कुण्डी में,
भावे तो खाइजो रे नीतर पडजो उण्डी में, पीवर जावा दो
                हारे पीवर मेल दो, नणदल रा वीरा फागण आयो रे,
                पीवर मेल दो

हाथोें में सोने री वीटी, गहूंड़ा कीकर वाडूं रे
आगे उबो देवरियो काकरिया फेके रे, पासा जाओ परा
                 हारे पासी जा परी, तावड़िये री तड़की आकरी
                  पासी जा परी

नेनकड़ी नणदल तो मारे, सेर उन काते रे
मोटोड़ा बाईसा मारी छाती रोन्दे रे, करदो मुकलावो
                 हारे करदो मुकलावो, आवलकी इगियारस माथे रे
                 करदो मुकलावो

धोरे धोरे धोबड़ी लीले रो भारो लाउ रे
सारा घर रा राजी वौ तो पीवर जाउ ओ, लाउ धोमेणी
                 हारे लाउ धोमेणी, परायो सींगट किणरो राखूं ओ
                 लाउं धोमेणी

चानणी चवदस री राजा रोपणी रोपाई रे
रोपणी रोपाय राजा होली बाली रे, आयो उनालो
                बोलो रे आयो उनालो, लाडकिया महिना वैगो आईजे रे
                आयो उनालो



रविवार, 16 फ़रवरी 2020

राजस्थानी चंग फागण लिरिक्स (देसी राजस्थानी फागण गीतों का संग्रह)

     मिक्स फागण

केसर घोड़ी कालमी, पाबूजी थाने सोवे है
लीलो घोड़ो नवलखियो रणूजे सोवे है, रामा पीवर रे
                बोलो रे रामा पीवर रे
                थलवट मेें थारो घोड़लो घूमे है, रामा पीवर रो


मकरोणा रो धोलो भाटो, रेल में भरीजे है,
रेल में भरीज ने रणूजे जावे है, रामा पीवर रे
                बोलो रे रामा पीवर रे
                थलवट मेें थारो घोड़लो घूमे है, रामा पीवर रो


नागोणा री देवी माता, नाहर ने सिणगारे रे
नाहर ने सिणगार देवी, हाकल मारे है, सुणजो सिरदारों
                बोलो रे सुणजो सिरदारों,
                झगड़े में थारी जीत वैला रे, सुणजो सिरदारों



रविवार, 9 फ़रवरी 2020

"पाबू परणीजे " मारवाड़ी चंग फागण गीत (Pabu Parnije - Marwari chang fagan song)

            अहमद परणीजे            

उगतडे सूरज ने पांण्डव हस्तनापुर में वोंन्दे है
पौर दाड़ो चढियो ने दातणिया डोले है, काची केल रो
                   जीवो रे काची केल रो, पाण्डविया हिमाले गलिया है,
                   काची केल रो
पाण्डवों री पोल आगे रंग री जाजम ढाली है,
जाजमड.ी ढाले ने माथे केसर गलियो है, अहमद परणीजे
           जीवो रे अहमद परणीजे, पाण्डविया हिमाले गलिया है,
                   अहमद परणीजे
सवा मण चावलिया पाण्डव हल्दी रंग में रंगिया है
हल्दी रंग में रंगिया ने, वोन्दे ने लीना हैं, अहमद परणीजे
           जीवो रे अहमद परणीजे, पाण्डविया हिमाले गलिया है,
                   अहमद परणीजे
पैलोड़ा चावलिया पाण्डवो, गणपतजी ने मेलो रे
मूसे री असवारी गणपत आया रैजो रे, अहमद परणीजे
           जीवो रे अहमद परणीजे, पाण्डविया हिमाले गलिया है,
                   अहमद परणीजे
दूजोड़ा चावलिया पाण्डवों, आकाशों में मेलो रे
आकाशों रा चन्दा सूरज आया रेजो रे, अहमद परणीजे
           जीवो रे अहमद परणीजे, पाण्डविया हिमाले गलिया है,
                   अहमद परणीजे
तीजोड़ा चावलिया पाण्डवों, पियालों में मेलो रे
पीयालों रा वासक धरमी आया रेजो रे, अहमद परणीजे
           जीवो रे अहमद परणीजे, पाण्डविया हिमाले गलिया है,
                   अहमद परणीजे
चौथोड़ा चावलिया पाण्डवों, गंगा - जमना मेलो रे,
गंगा - जमना दोनू बेैनों आयो रेजो रे, अहमद परणीजे
           जीवो रे अहमद परणीजे, पाण्डविया हिमाले गलिया है,
                   अहमद परणीजे
पांचवा चावलिया पाण्डवों, रणूंजा में मेलो रे
रणूजा रा रामा पीवर आया रेजो रे, अहमद परणीजे
           जीवो रे अहमद परणीजे, पाण्डविया हिमाले गलिया है,
                   अहमद परणीजे


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रविवार, 2 फ़रवरी 2020

बजरंगी बाला करो नी विध्न सब दूर (Hanumanji ke Bhajan)

      बालाजी महाराज के भजन      

ओ बजरंगी बाला, करियो विध्न सब दूर,
अंजनी के लाला, करो नी विध्न सब दूर,
हनुमान हठीला, करियो विध्न सब दूर,

रामचन्द्रजी के सारे काजा,
सागर उपर बांध दी पाजा,
मार दियो लंका पति राजा,

कर दीनो चकनाचूर, बजरंगी बाला करियो विध्न ...............

सालासर तेरा भवन बिराजे,
नित उठ द्वारे नौबत बाजे,
झालर शंख नगारा बाजे,

चढ रह्यो तेल सिन्दूर, बजरंगी बाला करियो विध्न ...............

छोटे पांव, बड़े भुज दण्डन,
दुष्टन मार कर कर दियो खण्डन,
तुम बजरंगी हो दुख भंजन,

मुख पर बरसे नूर, बजरंगी बाला करियो विध्न ...............

हनुमत ने संसार मनावे,
जिनका बेड़ा प्रभु पार लगावे,
बद्रीलाल ब्राह्मण गावे,

विद्या देवो नी भरपूर, बजरंगी बाला करियो विध्न ...............


इस भजन को डबल ताल में गाया जाता हैं |

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रविवार, 26 जनवरी 2020

Lord Shiva Bhajan - Bhaj Nimbesar maharaj (भज निम्बेसर महाराज)

                      शिवजी के भजन                         

भज नीम्बेसर महाराज निरंजन नीको, निरंजन नीको,
म्हें धरूं हिरदे में, ध्यान सदा शिवजी को ।

इक रट रट रावण जाय सेवना कीनी, सेवना कीनी,
जब प्रसन्न भये महाराज लंका लिख दीनी ।।1।।
             भज नीम्बेसर महाराज.......................

एक कानों में कुण्डल जोत जगामग झलके, जगामग झलके,
ज्यारे मस्तक उपर भाल चन्द्रमा भलके ।।2।।
             भज नीम्बेसर महाराज.......................

इक  बागाम्बर की शॉल बिछावण बंकी, बिछावण बंकी,
पार्वतों ढोले वाव हाथ गल पंखी ।।3।।
             भज नीम्बेसर महाराज.......................

इक पड़ा भुजंगी नाग सर्प ज्युं काला , सरप ज्यूं काला,
ज्यांरे हिवड़े हडूके हार गले मुण्ड माला ।।4।।
             भज नीम्बेसर महाराज.......................

इस आक धतूरा हैं मुख वासा करके, वासा करके,
पार्वतों पावे भांग का प्याला भरके ।।5।।
             भज नीम्बेसर महाराज.......................

इक कांशी और कैलाश देख कर आया, देखकर आया ,
साण्डेराव में श्याम का दर्शन पाया ।।6।।
             भज नीम्बेसर महाराज.......................

इक लाडू पेड़ा और मिठाई मेवा, मिठाई मेवा,
ज्यांरी सबलसिंह राठौड़ करे नित सेवा ।।7।।
             भज नीम्बेसर महाराज.......................


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शनिवार, 25 जनवरी 2020

राजस्थानी सोरठ और प्रभाती भजन लिरिक्स (Rajasthani sorath and prabhati Bhajan Lyrics)

 राजस्थानी सोरठ एवं प्रभाती भजनों का संग्रह 
I  सोरठ राग के भजन

भजन संध्या एवं सत्संगए जागरण में प्रत्येक भजन को समयानुसार एवं प्रसंगानुसार गाया जाता हैं द्य रात्रि के २.०० बजे के पश्चात् जब आधी रात ढल जाती है तब सोरठ राग में भजन गाये जाते हैं | सोरठ राग के सम्बन्ध में एक प्रचलित दोहा इस प्रकार हैं . 


दोहा -  सोरठ राग सुहावणी ए मत छेड़े परभात |
           उड़ता पंछी गिर पड़े ए माता बाळ भुलाय ||
ख्भावार्थ .  सोरठ राग इतनी मीठी ए सुहानी और हृदय को बेधने वाली होती है कि इस राग को सुनकर वैराग्य जाग जाता है य उड़ते हुए पक्षी भी इस राग को सुनकर भाव विह्वल होकर गिर पड़ते हैं और माताएं अपने बच्चों को भूलकर इस राग में मग्न हो जाती हैं| इसलिए इस राग को कभी भी सुबह के समय नही गाना चाहिए ,

मन को भीतर तक झकझोर देने वाली इस सोरठ राग के कुछ लोकप्रिय भजन 





1. किण विद राखेला राम 
दोहा- सोरठ मीठी रागणी, मत छेड़े प्रभात।
         उड़ता पंछी गिर पड़े, कै उठे वैराग।।

 कांई जाणुं किण विद राखेला राम ।। टेर ।।

हरिया डाल दोई पंछी बैठाए रट रह्यो रामजी रो नाम ।1।
कांई जाणुं किण विद ...........................


       नीचे पारधी ने बाण सांधियोए उपर घूमे सुसाण ।2।
       कांई जाणुं किण विद ..............................

      दुष्ट पारधी ने नाग डसियो, सिकरा रे लागो बाण।3।
      कांई जाणुं किण विद .................................


       बाई मीरा गावे प्रभु गिरधर रा गुण, पंछीड़ा रे भयो आराम ।4।
       कांई जाणुं किण विद ............................







2. राम गुण कैसे लिखुं, 


दोहा-. सोरठ रो दूहो भलो, कपड़ो भलो रे सफेद।
          ठाकर तो दातार भलो, घोड़ो भलो रे कमेद।।

हरी रा गुण कैसे लिखुं, लिखियो नी जाय ।।टेर।।
सात समन्द री रामा स्याही मंगा दूं रे, कलम करूं वनराय।।1।।

हरी रा गुण कैसे लिखुं...............................


कलम भरूं तो रामा कर म्हारा कांपै रे, नैणों में रह्यो जल छाय।।2।।
हरी रा गुण कैसे लिखुं..................................

प्राणपति तो म्हारा अजहू नी आया रे, कानूड़ा ने दीजो समझाय।।3।।
हरी रा गुण कैसे लिखुं.................................

बाई मीरां गावै प्रभु गिरधर रा गुण रे, चरण कंवल लिपटाय।।4।।
हरी रा गुण कैसे लिखुं..................................





3. भीलणी थारे द्वारे आया


 दोहा- रागां रो पति सोरठो, बाजां रो पति बीण
           देशां पति है मालवो, शहरां पति उजैण

भीलणी थॉंरे द्वारे आया, श्री भगवान।।टेर।।
वन वन फिरता राम, दोनों भईया रे, आया है शिवरी रो धाम।।1।।
भीलणी थॉंरे द्वारे..................................

आसन बिछायी रामा परकमा दीनी रे, बैठा बैठा लिसमण राम ।2ं।।
भीलणी थॉंरे द्वारे..................................

चरण खोळ रामा चरणामृत लीनो रे, लुळ लुळ करे है प्रणाम ।।3।।
भीलणी थॉंरे द्वारे...................................

सरजू रो नीर रामा निर्मल कीनो रे, सारे सारे ऋषियों रा काम ।।4।।
भीलणी थॉंरे द्वारे.......................................

तुलसी दास रामा भीलणी बड़ भागण रे शिवरी रटियो रामजी रो नाम ।।5।।
भीलणी थॉंरे द्वारे..........................................  






शुक्रवार, 24 जनवरी 2020

Jago shyam manohar Madhav (जागो श्याम मनोहर माधव) - Prabhati Bhajan Lyrics

                          प्रभाती भजन



जागो श्याम मनोहर माधवए भोम डसण रिपु टेर दियो ।

जागो श्याम मनोहर माधव प्रभाती भजन



जागो श्याम मनोहर माधवए भोम डसण रिपु टेर दियो ।

जागो श्याम मनोहर माधव..........................................



1. जल सुत मिंत सुता पति नातीए ता वाहन मिल केल कियो ।

        हरि वाहन के रिप सुत बंधवए अम्बज सुत को दान दियो ।।

                               जागो श्याम मनोहर माधव..........................................




2.  हेम सुता पति ता सुत वाहनए ता भख भखणी वचन कियो ।

        सुरपति वाहन के रिप बन्धवए अपने घर को गमन कियो ।।

                               जागो श्याम मनोहर माधव..........................................




3.  सायर सुता सुत शीतल भयहूंए चार तत्व ज्योति मन्द भयो ।

        सम्पति के रिपु के रिप प्रकटेए रम्भा सुत को मेल भयो ।।

                                जागो श्याम मनोहर माधव ..........................................



4.  उडगण वृन्द गये घर अपनेए दधि सुत को तप तेज गयो ।

         सूर कहे व्याकुल भयी रजनीए काश्यप सुत प्रकाश भयो ।।

                               जागो श्याम मनोहर माधव ..........................................






सोरठ  भजन सुनने के लिए नीचे दिए गये लिंक पर क्लिक करें ......

https://www.youtube.com/watch?v=yNv70ZT2U7M&list=PL2RQ2dSuVG--gybk-k2MHfWZPaccKkWC0

राम भजो विश्वास राखजो

 राम भजो विश्वास राखजो, सायब भीडू थांको राम भजो डर काहे को ।।टेर।। श्रीयादे मात सेवा में बैठा,ध्यान धरे धणीयो को चार बर्तन प्रभु कोरा राखिया...